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तहसीलदार शशांकशेखर शुक्ला ने परिवारिक विवाद वाली भूमि के धान की खरीदी का दिया आदेश सोसायटी को

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तहसीलदार शशांकशेखर शुक्ला ने परिवारिक विवाद वाली भूमि के धान की खरीदी का दिया आदेश सोसायटी को? 

तखतपुर सिंघनपुरी धान सोसायटी ने परिवारिक विवाद में फंसी भूमि 25 एकड़ की धान को सोसायटी द्वारा खरीदा जा रहा है ?  L

परिवार के दूसरे सदस्य ने लगाई आपत्ति उसके बाद भी तहसीलदार ने धान खरीदने का दिया आदेश?

सोसायटी पंजीयक ने सोसायटी को धान नही लेने की बात की तो दूसरी तरफ तहसीलदार ने धान खरीदने की बात कहि ।
(वरिष्ठ पत्रकार गोविन्द शर्मा की रिपोर्ट)

बिलासपुर-: शिकायत की जांच अधूरी, शिकायतकर्ता का न पक्ष सुना, तहसीलदार का सीधा आदेश? तखतपुर विधानसभा अंतर्गत सिघनपुरी धान सोसायटी में परिवारिक विवाद में फंसी जमीन 25 एकड़ जिसका धान खरीदी में एक ही व्यक्ति के नाम पर पंजीयन कर दिया जिसकी शिकायत दूसरे पक्ष ने एसडीएम, तहसीलदार, सोसायटी पंजीयक को की, शिकायतकर्ता ने कहा कि धान खरीदी पंजीयन एक व्यक्ति के नाम पर गलत तरीके से किया गया जबकि पंजीयन परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी शामिल किया जाना चाहिए लेकिन वैसा कुछ नही किया गया जिसकी शिकायत तहसीलदार से लेकर एसडीएम तखतपुर की गई लेकिन शिकायत की सुनवाई नही की जा रही है और अवैधानिक तरीके से धान खरीदी जा रही है ।
शिकायतकर्ता के शिकायत के आधार पर तहसीलदार ने पटवारी को मौका जांच कर प्रतिवेदन देने हेतु पत्र जारी किया गया लेकिन जांच प्रतिवेदन में पटवारी ने क्या दिया ये शिकायतकर्ता को नही बताया गया और तहसीलदार ने सोसायटी को विवादित भूमि की धान खरीदने का आदेश दे दिया जो खुद एक जांच का विषय बन गया है आखिर ऐसा कैसी जांच या प्रतिबेदन पटवारी ने दिया जो शिकायकर्ता को नही बताया गया और न ही उसका पक्ष सुना गया सीधे तहसीलदार द्वारा सोसायटी को धान खरीदने का दे दिया आदेश ?
वैसे ही पूरे प्रदेश में धान में भृष्टाचार की शिकायतों की खबरे अधिकारी से लेकर सोसायटी प्रबंधक की मीडिया में देखी जा सकती है कहि इस मामले पर भी तो भ्र्ष्टाचार नही हो रहा है?

सोसायटी पंजीयक मंजू पांडेय का कहना-:
सोसायटी पंजीयक मंजू पांडेय ने बताया कि उनके पास इसकी शिकायत आई है जिस पर हम जांच कर रहे है और सोसायटी को कहा गया है कि विवादित जमीन का धान न खरीदा जाये जब तक निराकरण नही हो जाता ।

तहसीलदार शशांक शुक्ला का कहना-:
संघनपुरी सोसायटी से सम्बंधित एक शिकायत पत्र आया हुआ जिसमें परिवारिक विवाद है लेकिन पंजीयन हुआ है हम धान बेचने से नही रोक सकते सोसायटी को आदेश है जिनका पंजीयन है उसका धान लेना है ।लेकिन जब तहसीलदार शुक्ला जी पूछा गया कि परिवार के दूसरे पक्ष ने आपत्ति की पंजीयन गलत हुआ है पंजीयन में परिवार के अन्य सदस्यों का भी नाम होना चाहिए था जो हुआ नही लेकिन तहसीलदार साहब कहने लगे हमने सोसायटी को धान खरीदने कह दिया है।

एक तरफ सोसायटी पंजीयक कह रहे है हमने धान खरीदने के लिए सोसायटी को मना किया हुआ है वही तहसीलदार कह रहे है हमने सोसायटी को धान खरीदने कह दिया है अब शिकायतकर्ता किसे सच माने और उसको कब इंसाफ मिलेगा और पंजीयन में परिवार के अन्य सदस्यों का नाम कब जुड़ेगा ।

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